1.
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले ।
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले ।।
2.
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का ।
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले ।।
3.
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन ।
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है ।।
4.
न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता ।
डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता ।।
5.
आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ।
ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे ।।
6.
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ ।
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है ।।
7.
तेरी दुआओं में असर हो तो मस्जिद को हिलाके देख।
नहीं तो दो घूंट पी और मस्जिद को हिलता देख।।
8.
तुम न आए तो क्या सहर न हुई
हाँ मगर चैन से बसर न हुई।
मेरा नाला सुना ज़माने ने
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई।।
9.
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा।
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है।।
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