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चींख रहा हूं मैं कोई तो सुनले -Jitendra Verma

दोस्तों...


आज कल हम देख रहे हे की अपने आसपास लोग कोई न कोई वजह से आत्महत्या कर रहे  हे, और वो वजह किसीको पता भी नहीं चलती ।

और ये दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा हे, जरुरत हे की हम ऐसे लोगो को समझने की कोशिश करे और उनको सही रास्ता  दिखाए। 

यही कोशिश को अपने शब्द में पिरोके श्री जीतेन्द्र वर्मा ने एक अद्भुत कविता लिखी हे ।

आइये सुनते हैं उन्हीं के शब्द में ।।  



   

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